भीषण कमर दर्द से कैसे बचें

भीषण कमर दर्द से कैसे बचें

डॉक्‍टर राजू वैश्‍य

हमारे देश में हर दस में से छह से अधिक व्‍यक्ति अपने जीवन के किसी न किसी काल में कमर दर्द झेलते ही हैं। ठंड, सर्दी-जुकाम, बुखार के बाद कमर दर्द डॉक्‍टरों के पास जाने का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। कमर दर्द की व्‍यापकता का सबसे बड़ा कारण गलत जीवन शैली है, जिसमें सुधार करके हम इस तकलीफ से बच सकते हैं। धूम्रपान से परहेज, नियमित व्‍यायाम, समुचित खान-पान और अच्‍छी नींद जैसे उपाय कमर दर्द से बचने में सहायक हैं। किसी व्‍यक्ति के खड़े होने, बैठने, चलने-फ‍िरने, चीजों को उठाने और ले जाने के तरीकों का उसकी कमर पर बहुत प्रभाव पड़ता है। दैनिक जीवन में काम-काज के दौरान कुछ सावधानियां बरतकर कमर दर्द से बचा जा सकता है।

भारी वजन कैसे उठाएं

भारी वजन उठाते समय हमेशा अपने घुटनों को मोड़ें। जांघ और कूल्‍हे की बड़ी मांसपेशियां छोटी मांसपेशियों की तुलना में वजन उठाने में ज्‍यादा सक्षम होती हैं।

भारी वजन उठाते समय उस सामान को शरीर के अधिक से अधिक निकट रखें। ऐसे सामान को अगर आप शरीर से दूर रखेंगे तो कमर पर बहुत जोर पड़ेगा और कमर में दर्द होगा। ऐसे सामान को अपने धड़ के ज्‍यादा से ज्‍यादा निकट रखें।

वजन उठाते समय कभी भी शरीर को घुमाने का प्रयास नहीं करें। दरअसल भारी वजन उठाते समय शरीर को घुमा देना ही कमर की ज्‍यादातर परेशानियों की जड़ है। इस‍िलिए जब भी वजन उठाएं तो शरीर को सीधा ही रखें।

बैठने के सही तरीके

हमारी रीढ़ हमेशा एक ही मुद्रा में रहने लायक नहीं होती है। वाहन चलाते समय, कुर्सी टेबल पर काम करते समय, कंप्‍यूटर इस्‍तेमाल करते समय, हवाई यात्रा या टीवी देखते समय शरीर की अलग-अलग मुद्राएं होनी चाहिए। साथ ही इन मुद्राओं में बैठने के बाद जरूरी है कि हर 15 मिनट में खड़े होकर थोड़ा टहल लें।

वाहन कैसे चलाएं

वाहन चलाते समय सीट को पीछे की ओर खिसका लें ताकि पैरों को ज्‍यादा जगह मिल सके। वाहन चलाते समय अपनी सीट में कमर के पीछे एक कुशन रखने से कमर को सहारा और आराम मिलेगा। कार से बाहर निकलते समय अपने पूरे शरीर को बाहर की दिशा में घुमा लें। इसके बाद दोनों पैरों को सावधानी से जमीन पर रखें।

कुरसियों पर कैसे बैठें

यदि आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं तो अपने लिए उचित तरीके से डिजाइन की गई कुरसियों का ही इस्‍तेमाल करें जो कमर को पूरा आराम और सहारा देती हों तथा बैठने की मुद्रा बदलने में भी कोई दिक्‍कत न हो। कुरसी पर बैठते समय कुरसी की पीठ के सहारे नहीं बल्कि इस प्रकार सीधा होकर बैठें कि आपकी पीठ के निचले हिस्‍से और कुर्सी की पीठ के बीच जगह न बचे।

टीवी देखते समय

टेलीव‍िजन देखते समय कुरसी पर आराम से सीधे बैठकर और सही दूरी से टीवी देखें। बैठकर काम करते समय कमर को आगे की ओर झुकाकर नहीं रखें। कुरसी से उठते समय पिंडलियों एवं जांघ की मांसपेशियों का उपयोग करें। कूल्‍हों का इस्‍तेमाल करना अच्‍छा नहीं होता। मेज-कुरसी पर लिखते-पढ़ते समय आगे की ओर नहीं झुकें। बिस्‍तर पर लेटकर पढ़ने की आदत से बचें।

नियमित व्‍यायाम

कमर दर्द का बड़ा कारण है कमजोर होती मांसपेशियां। मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने का सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि नियमित रूप से व्‍यायाम किया जाए। तैरने, एरोबिक्‍स और टहलने जैसे व्‍यायाम कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। जो लोग खासतौर से अपने कमर दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं उनके लिए स्‍थानीय मनोरंजन केंद्र और फिटनेस संगठन विशेष रूप से नियमित व्‍यायाम कार्यक्रम चलाते हैं।

ये समझने की जरूरत है कि नियमित व्‍यायाम कमर दर्द से बचााने में बड़ा सहायक है। व्‍यायाम से दोहरा लाभ मिलता है। इससे न केवल कमर दर्द से राहत मिलती है बल्कि कमर दर्द से बचाव भी होता है। व्‍यायाम न करने से मांसपेशियों का लचीलापन कम हो जाता है जिससे मांसपेशियों के मुड़ने और झुकने की क्षमता घटती है। व्‍यायाम नहीं करने से पेट की मांसपेशियां कमजोर होती हैं और इससे भी पीठ पर दबाव पड़ता है और पेल्विक क्षेत्र में असामान्‍य झुकाव आ जाता है।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान को सिर्फ फेफड़े से जोड़कर देखा जाता है जबकि ये स्‍थापित तथ्‍य है कि धूम्रपान का असर हृदय रोग के साथ साथ कमर दर्द पर भी पड़ता है। धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में डिस्‍क की समस्‍या होने की आशंका 80 फीसदी अधिक होती है। धूम्रपान से कमर दर्द के संबंध की बात कई अध्‍ययनों से साबित हुई है। इनमें से एक अध्‍ययन तो जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से स्‍नातक की उपाधि प्राप्‍त करने वाले करीब 1337 डॉक्‍टरों पर किया गया।

मोटापा से बचें

खराब जीवन शैली के साथ साथ मोटापा भी कमर दर्द का कारण है। मोटापे के कारण रीढ़ तथा वर्टिब्रेट एवं डिस्‍क पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द उत्‍पन्‍न होता है। मोटापा से बचने के अलावा शरीर की चुस्‍ती-तंदुरुस्‍ती भी कमर दर्द से बचाव के लिए आवश्‍यक है।

खान-पान

कमर दर्द से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। हमारे आहार में प्रोटीन पर्याप्‍त मात्रा में होना चाहिए क्‍योंकि इससे उत्‍तकों का निर्माण तेजी से होता है। इसके अलावा आहार में ताजे फल एवं सब्जियां भी पर्याप्‍त मात्रा में होनी चाहिए क्‍योंकि इनसे शरीर को विटामिन मिलती है।

सही मुद्राएं अपनाएं

जैसा कि पहले भी लिखा गया है, अपने रोजमर्रा के जीवन में हमें चलते, उठते, बैठते या काम करते समय सही मुद्राएं अपनाने की जरूरत है। ये मुद्राएं ऐसी हों कि उनसे रीढ़ पर अनावश्‍यक दबाव न पड़े या रीढ़ को झटका न लगे। रीढ़ पर अनावश्‍यक दबाव डालने वाली मुद्राएं गलत हैं और इनसे कमर दर्द और गरदन दर्द जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं।

कुछ महत्‍वपूर्ण बातें

70 से 80 फीसदी लोगों को जीवन में कभी न कभी कमर दर्द होता ही है।

तीन दिन से अधिक समय तक बिस्‍तर पर लेटे रहने से मांसपेशियां कमजोर होती हैं और इसका नतीजा कमर दर्द के रूप में सामने आ सकता है

कमर दर्द से ग्रस्‍त हर 10 में से एक व्‍यक्ति को गंभीर समस्‍या होती है और 100 में से एक व्‍यक्ति को ऑपरेशन जैसे इलाज की जरूरत पड़ सकती है

रोजाना 20 मिनट ध्‍यान करने से कमर दर्द में राहत पाने में मदद मिलती है और ये पाया गया है कि ध्‍यान की मदद से गंभीर कमर दर्द वाले मरीजों को भी डॉक्‍टर की मदद लेने में 36 फीसदी तक की कमी आ जाती है

हर सप्‍ताह करीब एक घंटा पैदल चलने से कमर दर्द के साथ साथ हृदय रोग की आशंका भी दूर हो सकती है। इसके अलावा रोजाना सुबह शाम कम से कम एक घंटा व्‍यायाम करें

(डॉक्‍टर राजू वैश्‍य की क‍िताब कमर दर्द: कारण और बचाव से साभार)

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